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न्यूज नालंदा -वाजिब सम्मान और वेतनमान के लिए हड़ताल पर रहेंगे नियोजित शिक्षक…

ByReporter Pranay Raj

Feb 13, 2020

राज की रिपोर्ट -9334160742

आगामी 17 फरवरी से बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आहवाहन पर जिले के नियोजित शिक्षक हड़ताल पर रहेंगे। इसको लेकर गुरुवार को संघ कार्यालय सर्वोदय नगर साठोपुर में बिहारशरीफ अनुमंडलीय कार्यकारिणी की बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता अनुमंडल संयोजक संतोष कुमार पाण्डेय ने की। इस मौके पर समन्वय समिति के अध्यक्ष मंडल सदस्य सह नवनियुक्त माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ गणेश शंकर पांडेय ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की सत्तासीन शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी सरकार से हम लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ कर ही अपना वाजिब सम्मान और वेतनमान प्राप्त कर सकते हैं। चुनावी वर्ष होने के कारण हमें सजग और संगठित होकर निर्णायक आंदोलन खड़ा करना होगा। उन्होंने कहा कि नियमित शिक्षकों की भांति सभी सुविधाएं राज्य कर्मी का दर्जा सेवा शर्त पेंशन आदि प्राप्ति का राह लोकतांत्रिक आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है। इसलिए हमें संगठन की सीमा से ऊपर उठकर आर पार की लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षक संगठन सरकार के इशारे पर आंदोलन को दिशा तय करते हैं और करते रहे हैं जो आजकल देखने को मिल रहा है। बैठक को प्रदेश संगठन सचिव डॉ विश्वनाथ प्रसाद,जिला उप संयोजक मुकेश कुमार रजक, नूरसराय प्रखंड संयोजक ब्रजेश कुमार राय, हरनौत प्रखंड के संयोजक नीरज कुमार, अस्थावां प्रखंड के संयोजक ब्रज बिहारी, जिला प्रतिनिधि अनुज कुमार, राजेश कुमार, संतोष कुमार, संजीव कुमार आदि ने भी संबोधित किया।
भयभीत नहीं हो शिक्षक-
बैठक में शिक्षक संघ के अध्यक्षों ने कहा कि सरकार कि धमकियों से शिक्षक डरे नहीं सिर्फ संगठन के साथ जुड़े रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन शिक्षकों को वीक्षण कार्य में लगाया जा रहा है उन्हें भयभीत होने की जरूरत नहीं है। वे वीक्षण का पत्र वापस कर दें और स्वयं को हड़ताल संबंधी आवेदन पत्र संघ को जमा करके अपने उपस्थिति पंजी में 17 फरवरी को हड़ताल अंकित कर दें।
हक की लड़ाई के लिए हड़ताल जरूरी-
संघ के जिला अध्यक्ष संजीत कुमार शर्मा एवं जिला सचिव राणा रंजीत कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि सूबे बिहार समेत जिले के तमाम नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। अपने पेट के खातिर हड़ताल व तालाबंदी आदि करना विवशता है क्योंकि वर्षो से वाजिब मांगों को लेकर अनेक अनुनय विनय राज्य सरकार से किए गए परंतु राज्य सरकार कुंभकर्णी निंद्रा में सोई हुई है।