राज – 7903735887
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने नो-पार्किंग के नाम पर क्रेन से गाड़ी उठाने की व्यवस्था पर नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा कि शहर में कहीं भी गाड़ी पार्क करने की जगह प्रशासन ने निर्धारित नहीं की है। न इसकी कहीं व्यवस्था है। जब पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं है तो नो-पार्किंग के नाम जुर्माना क्यों।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी पुलिस दोपहिया वाहन चालकों से करोड़ों की वसूली कर चुकी है। उनकी आंखों के सामने बिना कागज के चल रहे टेम्पो, ई-रिक्शा, बालू लदे बिना नंबर प्लेट के ट्रैक्टर गुजरते रहते हैं। इनकी कभी जांच नहीं होती है। मछली मंडी हो या मोगलकुआं, अंबेर हो या कागजी मोहल्ला, भैंसासुर से आलमगंज जाने वाला रास्ता, खंदकपर, सभी सड़कों में गड्ढों की भरमार है। रोज हादसे हो रहे हैं। इसपर किसी का ध्यान नहीं है।
हेलमेट व कागज के लिए जुर्माना लेना अच्छी बात है। लेकिन, शहर के 32 चौक-चौराहों पर जो जाम की स्थिति बनी है, वह कौन देखेगा। क्या, यातायात थाना सिर्फ जुर्माना वसूलने के लिए है। गाड़ी उठाना है तो कलेक्ट्रेट के पास, एसडीओ कार्यालय के पास, अस्पताल के पास सड़क पर पड़ी गाड़ियों को उठाना चाहिए। इससे जाम की स्थिति बनती है। इसके अलावा प्रशासन को पहले लोगों को जागरूक करना चाहिए। साथ ही यह व्यवस्था करनी चाहिए की बाजार में बड़ी गाड़ियां कहां पार्क होंगी। अधिकतर थानों कार्यालयों के पास सड़क पर हाकिमों की गाड़ियां लगी होती हैं।लेकिन इस तरह का कोई प्रचार प्रसार ना करके सीधे गाड़ी उठाना यह उचित प्रतीत नहीं होता है और उसके बाद जिला प्रशासन को पहले यह व्यवस्था जरूर करनी चाहिए कि आखिर गाड़ी के ऑनर गाड़ी को कहां पर पार्किंग करें कहीं ना कहीं इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन की बनती है |