न्यूज नालंदा – तिलकुट की सोंधी खुशबू से गुलजार हुआ शहर , ख़रीदारी के लिए दुकानों में भीड़
राजा – 7903735887
मकर संक्रांति शुक्रवार को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति को ले शहर के तिलुकुट दुकानों में गुरूवार को भीड़ देखी गई। शहर के पुलपर स्थित बसंत बहार, अग्रवाल स्विट्स समेत अन्य दुकानों में इस सीजन तिलकुट की अनेकों वेराइटी बनाई गई है। सोंधी तिलकुट की खुशबू लोगों को आकर्षित कर रही है। नालंदा के तिलकुट की मांग दूसरे प्रदेशों में भी है। तिलकुट के अलावा भी दर्जनों वेराइटीज उनकी दुकान में उपलब्ध है। महंगाई की मार से जूझ रहे खरीदारों के लिए थोड़ी राहत यह कि तिलवा-तिलकुट के दाम में पिछले साल की अपेक्षा गर्मी नहीं दिख रही है। लेकिन, इस बार बढ़ते संक्रमण के कारण कोरोना पाबंदियों का डर भी दुकानदारों को सता रहा है। पिछले कुछ सालों में नालंदा मेड तिलकुट की मांग काफी बढ़ी है। यही वजह है कि इसका बाजार भी बढ़ा है। सिर्फ जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में 100 से ज्यादा तिलकुट के थोक विक्रेता हैं। खास बात यह कि तिलकुट की कीमत हर चौक पर अलग-अलग है। दाम कहीं 280 रुपया है तो 260 रुपए किलो।
बसंत बहार के संचालक छोटू कुमार बताते हैं कि गया के कारीगरों से खास्ता तिलकुट का निर्माण कराया गया है।बदलते ट्रेंड व लोगों की मांग के साथ तिल की कई वेरायटी बनने लगी हैं। तिलकतरी की डिमांड भी खूब है। तिल और गुड़ को मिलाकर इसे बनाया जाता है। तिल पापड़ी, तिल का लड्डू, बेदाम का लड्डू भी दुकानों में हैं।शहर के पुलपर चौराहे के पास स्थित तिलकुट की दुकान के संचालक सुरेश प्रसाद कहते हैं कि पहले यहां तिलकुट की बहुत कम दुकानें थीं। ज्यादातर व्यवसायी गया से तिलकुट लाकर यहां बेचते थे। इसमें लागत के साथ परेशानी भी बहुत थी। बाद में गया के कारीगर को ही यहां बुलाकर उनसे तिलकुट बनवाकर दुकानदार बेचने लगे। परिणाम यह कि देखा-देखी दुकानों की संख्या भी बढ़ती गयी।