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अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय में वैशाली फेस्टिवल ऑफ़ डेमोक्रेसी पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में शामिल होने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बिहार के राज्यपाल समेत कई देशों के प्रतिनिधि शुक्रवार को राजगीर पहुंचे।
इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत में गणतंत्र सदियों पहले आया है। भारत ने सभी निर्णय जनतांत्रिक तरीके से लिया है। भगवान बुद्ध ने अपने अनुयायियों को बुद्धं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामी का का जो ज्ञान दिया है। वह गणतंत्र परिलक्षित होती है।
मीनाक्षी लेखी ने कहा भारत मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी है। इसके लिए हम लोगों को देश दुनिया में प्रचार-प्रसार करना चाहिए। वैशाली गणतंत्र के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वैशाली पुरातत्व गणतंत्र है। कई स्थानों पर लोकतंत्र और गणतंत्र की व्यवस्था है। उस व्यवस्था को बेहतर प्रकार से संगठित किया गया था। ऋग्वेद में 40 अथर्ववेद में नौ बार गणतंत्र शब्द का प्रयोग होता है।
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि वैशाली गणतंत्र की जननी है। लोकतंत्र कैसा था, क्या प्रणाली थी। यह लोगों को बताने की जरूरत है। उन्होंने टेक्सबुक में वैशाली के पढ़ाई को शामिल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार आइसोलेटेड बनकर रह गए हैं। गठबंधन में उन्हें किनारे करने का काम किया गया। नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में ना तो कन्वीनर बन पाएंगे और ना ही पीएम के उम्मीदवार बन पाएंगे।
सनातन धर्म पर हो रहे लगातार हमले के पर कहा कि इन सबों के पीछे कांग्रेस जिम्मेवार है।