न्यूज नालंदा – गोलियों से भून 6 की हत्या से नरसंहार की पुनरावृत्ति, जानें वारदात…
छबिलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में बुधवार को 50 बीघा रकवे की खेत विवाद में बदमाशों ने गोली मारकर परिवार के 6 सदस्यों की हत्या जिले में नरसंहार की पुनरावृत्ति कर दी। गोली से 5 लोग जख्मी भी हुए। छह की हत्या से पुलिस महकमा के साथ राजनीतिक गलियारे में भी खलबली मच गई। एसपी हरि प्रसाथ एस दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए। आक्रोशित पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लेने का विरोध कर रहे हैं। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि दर्जनों बदमाशों ने घंटों गांव में फायरिंग की। सूचना के बाद पुलिस मौके पर आने से इंकार कर दी। लोग डीएसपी और थानेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
5 घंटे बाद भी पुलिस शव को कब्जे में नहीं ले सकी। ग्रामीण अत्याधुनिक हथियारों से सैकड़ों राउंड फायरिंग की बात कह रहे हैं। चर्चा है कि नरसंहार को अंजाम देने की तैयारी कई दिनों से चल रही थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर दो बदमाशों को गिरफ्तार किया। जिसमें एक बदमाश दूसरे इलाके का बताया जा रहा है। मृतकों में पिता-पुत्र और दो सगे भाई भी शामिल है। देर शाम आक्रोशितों ने सभी छह लाशों को मुख्य मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया।
एसपी ने बताया कि भूमि विवाद में घटना हुई। दो को गिरफ्तार कर पुलिस अग्रतर कार्रवाई में जुटी है।
किनकी हुई मौत
परशुराम यादव के 45 वर्षीय पुत्र धीरेंद्र यादव, उसका भाई 40 वर्षीय शिवला यादव, स्व. जागदेव यादव का 65 वर्षीय पुत्र जद्दू यादव, उसका 30 वर्षीय पुत्र पिंटू यादव, उसका सगा भाई 19 वर्षीय महेश यादव और स्व. रामस्वरूप यादव का 70 वर्षीय पुत्र बिंदा यादव।
कौन-कौन हुआ जख्मी
गोली से जख्मी लोगों में परशुराम यादव, शंभू यादव, मंटू यादव, मिट्टू यादव और रोहित यादव बताया जा रहा है। कुछ जख्मी का इलाज राजगीर रेफरल अस्पताल में कराया जा रहा है। जबकि, अन्य का निजी क्लिनिक में।
सुनियोजित तरीके से नरसंहार
ग्रामीणों ने बताया कि स्व. रामस्वरूप यादव ने दो शादियां की थी। दोनों पक्ष के लोग उन्हीं के परिवार हैं। मृतक धीरेंद्र यादव के पुत्र रोहित ने बताया कि 50 बिगहा खेत का विवाद नीतीश यादव व उसके परिवार से चला आ रहा था। कोर्ट ने खेत जुताई पर रोक लगा दी थी। दूसरे पक्ष के लोग विवादित खेत की जुताई कर रहे थे। जिसका विरोध करने पर गोलियों की बौछार कर दी गई। बदमाशों ने सुनियोजित तरीके से नरसंहार को अंजाम दिया। करीब 30 बदमाशों को भाड़े पर गांव बुलाया गया था। सभी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। सूचना के बाद थानेदार और डीएसपी ने गांव आने से इंकार कर दिया। जिसके बाद बदमाशों ने छह की हत्या कर गांव को लाशों से पाट दिया।
बेनार की याद ताजा
छबिलापुर की घटना से अस्थावां के बेनार नरसंहार की यादें ताजा हो गई। 5 जून 2004 में बेनार में चिमनी भट्ठा के मालिक समेत 11 मजदूरों को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया गया था।