न्यूज नालंदा – बैठक में डीएम के हुए तल्ख़ तेवर,कई पदाधिकारियों पर गिरी गाज…
राज की रिपोर्ट – 7079013889
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समेकित बाल विकास परियोजना अंतर्गत क्रियान्वित किये जा रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा बैठक आहुत की गई।महिला विकास निगम के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के लिये जनजागरूकता के लिये उपलब्ध कराए गए फंड का संतोषप्रद उपयोग नहीं किये जाने पर जिला पदाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की एवं महिला विकास निगम के जिला परियोजना प्रबंधक से स्पष्टीकरण पूछा। शिशु मृत्यु दर में कमी करने के उद्देश्य से प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र पर अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर बच्चों के घरों से लाए गए खाद्य पदार्थ को महज प्रदर्शनी के लिए उपयोग न कर, सेविका के माध्यम से बच्चों को खिलाने का निर्देश दिया गया। सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका को अपने निर्देशन में इसे क्रियान्वित कराने का निर्देश दिया गया। महादलित टोलों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर विशेष रुप से अन्नप्राशन दिवस का आयोजन कारगर तरीके से सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत सेविका एवं सहायिका को उनकी क्षमता एवं कार्य कुशलता के आधार पर ग्रेडिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। उच्च ग्रेडिंग वाली सेविका को निकटतम निम्न ग्रेडिंग वाली सेविका के साथ भी संबद्ध करने को कहा गया ताकि उनकी क्षमता का लाभ अन्य केंद्रों को भी मिल सके। सभी सीडीपीओ को अपने क्षेत्र से अति कुपोषित बच्चों(SAM) को चिन्हित कर उनके अभिभावकों को प्रेरित कर Nutrition Rehabilitation Center(NRC) में भेजने का निदेश दिया गया। जो अभिभावक अपने कुपोषित बच्चों को पारिवारिक कारणों से NRC में भेजने में असमर्थ हैं, संबंधित सेविका के माध्यम से उन बच्चों के घरों में ही उनके फ़ूड हैबिट में सकारात्मक बदलाव लाने के लिये कार्रवाई सुनिश्चित करने का निदेश सभी सीडीपीओ को दिया गया। कंगारू मदर केयर पद्धति के प्रति भी महिलाओं को जागरूक कर इसे व्यापक रूप से क्रियान्वित करने का निर्देश दिया गया। इस पद्धति में माता-अभिभावक एवं बच्चे के बीच स्किन टू स्किन स्पर्श एवं संपर्क दिया जाता है, जो बच्चे के विकास के लिए लाभप्रद होता है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत शिविर के माध्यम से आवेदन एकत्रित किए गए थे। बिहारशरीफ एवं बिहारशरीफ ग्रामीण परियोजनाओं में लक्ष्य से कम आवेदन सृजित किया। गया दोनों सीडीपीओ को अविलंब शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। इसी योजना के तहत अब तक प्राप्त आवेदनों की स्थिति की समीक्षा के क्रम में बिहारशरीफ ग्रामीण की स्थिति अत्यंत असंतोषप्रद पाई गई, इस परियोजना में मात्र 33 प्रतिशत ही उपलब्धि हासिल की गई है। जिला पदाधिकारी ने सीडीपीओ बिहार शरीफ ग्रामीण से स्पष्टीकरण पूछते हुए उनका वेतन अवरुद्ध करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री वंदना योजना अंतर्गत 70 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछते हुए वेतन अवरुद्ध करने का निर्देश दिया गया। जिला में 60 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र भवन बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। इन केंद्र भवनों में पेयजल, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जानी है। आवश्यकतानुसार भवन की साधारण मरम्मती करा कर उसका आकर्षक ढंग से रंग रोगन कराया जाना है। इन मॉडल केंद्रों को बच्चों के बैठने के लिए टेबल, कुर्सी, टीवी, इनवर्टर आदि से भी लैस किया जाना है। जिला में अब तक 8 मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों का कार्य पूरा किया गया है। जिला पदाधिकारी ने अविलंब सभी चिन्हित मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों का कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इन मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों की जांच प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों के माध्यम से कराई जायेगी।सभी संबंधित सीडीपीओ को इस कार्य के लिए प्राधिकृत एजेंसी बनाया गया है। जिला पदाधिकारी ने सभी नव निर्मित आंगनबाड़ी केंद्र भवनों का अविलंब हस्तांतरण सुनिश्चित करने का निदेश दिया। इन भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण अभियान के तहत 8 मार्च से पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र स्तर पर पोषण पखवाड़ा से संबंधित गतिविधियों का आयोजन कर प्रतिदिन इसकी विवरणी डैशबोर्ड पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया। पोषण पखवाड़ा में प्रत्येक प्रखंड में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली एक-एक टीम को प्रति टीम ₹50000 का पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार राशि टीम के सभी सदस्यों के बीच बराबर बराबर अनुपात में बांटी जाएगी। जिला पदाधिकारी ने प्रत्येक प्रखंड में इस अभियान के तहत प्रतिस्पर्धा के वातावरण में अधिक से अधिक गतिविधियों का आयोजन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीम का चयन विभागीय मानक के आधार पर पारदर्शी ढंग से सुनिश्चित करने को कहा गया।उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली सेविका एवं सहायिका को भी प्रोत्साहन राशि के भुगतान करने का प्रावधान विभाग द्वारा किया गया है। प्रत्येक माह में लगातार 21 कार्य दिवस तक खुलने वाले आंगनवाड़ी केंद्र तथा कम से कम 60 प्रतिशत ग्रोथ मॉनिटरिंग एवं गृह भ्रमण करने वाली सेविका को प्रोत्साहन राशि के रूप में संबंधित माह में पांच सौ तथा सहायिका को ढाई सौ का भुगतान किया जायेगा।बैठक में डीपीओ आईसीडीएस, जिला परियोजना प्रबंधक महिला विकास निगम ब्रजेश चंद्र सुधाकर, स्वस्थ भारत प्रेरक श्रुति प्रिया, केयर इंडिया के प्रतिनिधि सहित सभी सीडीपीओ उपस्थित थे।