न्यूज नालंदा – महिलाओं ने अखंड सुहाग के लिए रखा निर्जला उपवास …..
राजा – 7903735887
हरितालिका तीज व्रत को लेकर सुहागिन महिलाएं आज 24 घंटे तक निर्जला रहकर पति की लम्बी उम्र के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की । कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर और रिश्ते में प्रेम बढ़ाने के लिए यह व्रत रखती हैं ।
हरितालिका तीज व्रत भाद्र माह के शुल्क पक्ष तृतीया तिथि को मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं निर्जला व निराहार रखकर तीज व्रत करती हैं। शाम में भगवान शंकर व माता पार्वती की मिट्टी की प्रतिमाएं बनाकर पूजा-अर्चना की जाती हैं। नये-नये परिधानों व सोलह श्रृंगार कर सजी महिलाओं से घर-आंगन चहक उठता है। पूजन के बाद महिलाएं रात भर भजन-कीर्तन करती हैं। अहले सुबह में पारण के बाद महिलाएं अन्न-जल ग्रहण करती हैं। खास यह कि इस बार पूजा का शुभ मुहूर्त दिनभर है। इधर, व्रत को लेकर बाजारों में दिनभर काफी चहल-पहल दिखी। फल और पूजन सामग्रियों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ जुटी रही। मिट्टी से बनीं गौरा-गणेश की प्रतिमाएं खरीदने में महिलाएं मशगूल दिखीं।
जानकार बताते हैं कि यह व्रत भाद्र मास की तृतीया तिथि के साथ चतुर्थी तिथि और हस्त नक्षत्र के मिलने पर मनाया जाता है। तृतीय तिथि होने के कारण इसे ‘तीज’ नाम पड़ा। ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती के पिता हिमवान भगवान विष्णु के साथ पार्वती जी की शादी करना चाहते थे। यह पार्वती जी को पसंद नहीं था। इसलिए पार्वती जी की सखियां उन्हें भगाकर जंगल में लेकर चली गयीं। इसलिए इस व्रत का हरितालिका नाम पड़ा। चूकि, पार्वती जी ने कुंवारी अवस्था में इस व्रत को किया था। इसलिए इस व्रत को कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर के लिए करती हैं।