राज – 7903735887
मंगलवार से कलश स्थापन के साथ वासंती नवरात्र शुरू हो गयी। शेर पर सवार मां शेरावाली की पूजा-अर्चना में श्रद्धालु लीन हो गये। वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण भक्तिमय हो गया। चहुंओर मां जगदम्बा की जय जयकार होने लगी। पूजा पंडालों व देवी मंदिरों में दुर्गासप्तशती के श्लोक ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ ’ गूंजने लगा है।
पुरोहित ने बताया कि पहले दिन मां के प्रथम रूप ‘शैलपुत्री’ की भक्तों ने पूजा की तथा उसने सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। वृषभ पर सवार मां शैलपुत्री त्रिशुलधारिणी भयताप को हर लेती हैं। भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों की मनाकामना पूरी करती हैं। इसबार सृष्टि का चक्र चलाने वाली मां शेरावाली हाथी पर सवार होकर आयी हैं और मानव पर बैठ प्रस्थान करेंगी।