न्यूज नालंदा- कल होगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जाने क्या करे क्या ना करें…..
साल का पहला सूर्य ग्रहण का आरंभ 21 जून 2020 रविवार की सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा। इसका सूतक 20 जून 2020 शनिवार की रात 10 बजे से आरंभ हो जाएगा। ग्रहण का मध्य12 बजकर 18 मिनट दोपहर पर होगा। इसका मोक्ष दोपहर 2 बजकर 4 मिनट पर होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 35 मिनट की रहेगी। यहअधिकांश भू-मंडल पर दिखाई देगा।
शायद जिनको याद होगा 25 साल पहले घटित हुए 24 अक्टूबर 1995 के ग्रहण की याद दिलाएगा। उस दिन भी पूर्ण सूर्य ग्रहण के चलते दिन में ही अंधेरा छा गया था। पक्षी घोंसलों में लौट आए थे। हवा ठंडी हो गई थी
इस बार सूर्य ग्रहण के साथ एक और संयोग है। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना का निर्माण कर रहा है। यह ग्रहण ऐसे दिन होने जा रहा है जब उसकी किरणें कर्क रेखा पर सीधी पडेंगी। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है।
यह सचमुच रोचक बात है कि पृथ्वी का चंद्रमा आकार में सूर्य में बहुत छोटा है। सूर्य इससे 400 गुना बड़ा है। जब ग्रहण घटित होता है तो दोनेां का आकार हमें पृथ्वी से देखने पर समान मालूम पड़ता है। तभी तो सूर्य पूरा ढंक जाता है। हालांकि दोनों का जो आभासीय आकार है, वह मात्र आधी डिग्री का ही है। सच्चाई यह है कि सूर्य चांद से 400 गुना बड़ा है, इसके बाद भी चांद सूर्य की किरणों को पृथ्वी पर आने से रोक देता है
सूर्य ग्रहण को भूलकर भी खाली या नग्न आंखों से देखने की गलती नहीं करना चाहिये। यह आंखों के लिए बेहद नुकसानदायक है। इससे कुछ ही समय बाद आंखों की रोशनी जा सकती है। ग्रहण को देखने के लिए हमेशा सोलर चश्मा पहनें एवं जानकारों की सलाह के अनुसार ही सेफ डिवाइस का यूज करें।
कंकणाकृति के ग्रहण के समय सूर्य किसी कंगन की भांति नज़र आता है। इसलिए इसे कंकणाकृति ग्रहण कहा जाता है। पिछली बार वर्ष 1995 के पूर्ण ग्रहण के समय ऐसा ही हुआ था।
मिथुन राशि में लगेगा ग्रहण, 6 ग्रह होंगे वक्रीय:-
आगामी 21 जून 2020 रविवार को लगने वाला सूर्य ग्रहण मिथुन राशि ( मृगशिरा नक्षत्र मे शुरू होकर आर्द्रा नक्षत्र में समाप्त ) में लगेगा। विशेष बात ये है कि इस ग्रहण में सूतक काल मान्य होगा, जो कि ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लगेगा। इस सूर्य ग्रहण इस दिन 6 ग्रह (बुध, गुरु शुक्र शनि राहु और केतु) वक्री होंगे तथा उदयकालिक लग्नस्थ सू+बु+चं+रा एवं अष्टमस्थ गु० +श० का होना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ नहीं माना जा रहा है।विषैला जीव, पदार्थ, आदि से हानि, वैश्विक स्तर पर तनाव की स्थिति, संसार मे आरजकता एवं भय तथा देश में किसी विशिष्ट जनो की क्षति , आकाशीय एवं प्राकृतिक उपद्रव, तेल एवं पेय पदार्थों मे तेजी, राजनीतिक एवं सामाजिक गतिरोध होगें। हालांकि कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होने से कोरोना महामारी मे नियंत्रण आना शुरू हो जाएगा, लेकिन अन्य मामलों में यह ग्रहण अनिष्टकारी प्रतीत हो रहा है।
क्या करे क्या ना करें :-
1:-सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सोना नही चाहिये।
2:-गर्भवती स्त्रियों को अपने उदर पर चंदन का लेप लगाना चाहिए। जिससे गर्भ पर कोई बुरा प्रभाव नही होता है। तथा अपने बराबर धागा या कंडा को नापकर सीधा घर के कोने में रखना चाहिए।
3:-ग्रहण काल मे भोजन एवं शयन नही करना चाहिए।
4:-इस काल में जपादि एवं शास्त्राध्ययन करना चाहिए।
5:-घर या मंदिर के पूजन स्थान को ढक देना चाहिए तथा खाद्य पदार्थों को भी कुश एवं तुलसी पत्र से ढकना चाहिए।
विशेष :बालक, वृद्ध, एवं रोगियों के लिए विशेष दोष नहीं होता है।
ग्रहणोंपरान्त स्नानादि कर वस्त्र अन्न एवं धन का दान जरूरतमंद लोगों को करना चाहिए।