न्यूज नालंदा – रमजान के तीसरे जुम्मे को भी घरों में अता की गयी नमाज….
सिटी रिपोर्टर – 7079013889
अल्लाह की रहमतों और नेमतों से भरे पाक रमजान माह के तीसरा जुमे की नमाज क्षेत्र में पूरी अकीदत के साथ अता की गई। कोरोना वायरस से बचाव के चलते जारी लॉकडाउन में समुदाय के लोगों ने मस्जिदों की बजाय अपने घरों में ही नमाज पढ़ी। मस्जिदों में अजान होते ही नमाजियों ने अपने घरों में रहकर सोशल डिस्टेंस के बीच पूरे अकीदत के साथ नमाज अदा की। नमाजियों ने अल्लाह से देशवासियों को भीषण कोरोना बीमारी से बचाने की दुआएं भी मांगी। उधर, पहली बार रमजान माह के अभी तक के जुम्मे पर क्षेत्र की तमाम मस्जिदें सूनीं रहीं। हालांकि, मौलानाओं ने मस्जिदों में जुम्मे की नमाज अता कर समुदाय और देशवासियों के लिए दुआएं मांगी। आलमी मस्जिद आलमगंज के इमामो खतीब मौलाना साबिर साहब ने कहा कि रमजानुल मुबारक का आखिरी अशरा शुरू हो गया है। अब चंद दिनों के बाद रमजानुल मुबारक का पाक महीना खत्म हो जाएगा। इस महीने में दिन में रोजा और रात में तराबीह, नफिल नमाज व कुरआन ए पाक की अधिक तिलावत करनी चाहिए। फितरा व जकात के अलावा गरीबों की मदद करने का भी अल्लाह तआला ने हुक्म दिया है। इस माह में एत्तेकाफ का एहतराम भी जरुरी है। जिस जगह की मस्जिद में कम से कम एक व्यक्ति भी एत्तेकाफ पर न बैठें तो वहां के सभी लोगों को गुनाह होता है। इसलिए कम से कम हर मस्जिद में एक आदमी जरुर एत्तेकाफ में बैठें।
शब ए कदर का करें एहतमाम:-
उन्होंने कहा कि रमजान की 21,23,25,27 व 29 की रातों में से कोई एक रात शब-ए-कदर की होती है। लोगों को चाहिए कि वे उन सभी रातों में जाग कर कुराआन-ए-पाक की तिलावत, नफिल नमाजें व अजकारो अफकार में गुजारें। इस एक रात की इबादत का सवाब हजार रात की इबादत के बराबर है। इन्हीं रातों में अल्लाह तआला ने अपने नबी पर कुरआन नाजिल किया था।