न्यूज नालंदा – अनोखा फैसला : झूठा साबित हुआ आरोप, जज ने कहा जितने दिन आरोपी रहा उतने दिन युवती भी रहेगी जेल में…
बरेली न्यूज
अजय उर्फ राघव निर्दोष थे। मगर दुष्कर्म के झूठे आरोप में उन्हें 4 साल 6 महीने 8 दिन यानि 1653 दिन जेल में रहना पड़ा। उन्होंने पीड़ा सहन की लेकिन इंतजार किया आखिरकार जीत सत्य की हुई। युवती का झूठ ज्यादा दिन टिक नहीं सका। वह अपने ही बयानों में ऐसी उलझी की सच सामने आ गया। बरेली के अपर सेशन कोर्ट ने आदेश दिया कि जितने दिन निर्दोष को जेल में काटने पड़े युवती को इतने दिन कारावास की सजा दी जाए। साथ ही 5 लाख 88 हजार जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना की राशि पीड़ित व्यक्ति को ही मिलेगा।
2 दिसंबर 2019 को एक महिला ने अजय के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज कराई थी कि उनकी नाबालिक बेटी को दिल्ली ले जाकर दुष्कर्म किया। कुछ दिन बाद पुलिस ने अजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसमें लड़की नाबालिक बताई गई जो साल 2022 में बालिग हो चुकी थी। उसकी शादी भी किसी और से हो गई।
23 अक्टूबर 2023 को उसने तत्कालीन स्पेशल जज निर्दोष कुमार के सामने आरोप दोहराए। 8 फरवरी 2024 को उसके बयान विरोधाभासी हो गए थे। दोबारा बयान होने पर उसने स्वीकार की अजय ने दुष्कर्म नहीं किया था। इसकी जानकारी पर कोर्ट ने अजय उर्फ राघव को बाइज्जत बरी कर दिया।
उसी दिन 340 सीआरपीसी के तहत तत्कालीन कोर्ट के पेशकार ने सीजेएम कोर्ट में गुमराह करने का परिवाद दर्ज कराया। उसमें युवती के झूठे बयान का उल्लेख किया गया था। 12 फरवरी को सेशन कोर्ट में मुकदमा शुरू हो गया। सरकारी वकील सुनील पांडेय ने कहा कि झूठे आरोप के कारण निर्दोष व्यक्ति को 1653 दिन जेल में काटने पड़े। झूठी गवाही पर उम्र कैद भी हो सकती थी।