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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव हरनौत के कल्याण बिगहा में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को एंट्री करने से जिला प्रशासन ने रोक दिया। प्रशासनिक अनुमति नहीं रहने के कारण ऐसा किया गया। जिससे पीके भड़क गए। कहा कि- क्या अब मुख्यमंत्री के गांव जाने के लिए भी अनुमति लेनी पड़ेगी? ये पूरी तरह से गैर-लोकतांत्रिक है।”
पीके नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड अंतर्गत कल्याण बिगहा गांव से जन संवाद और हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करने वाले थे। विधानसभा चुनाव की तैयारियों की घोषणा करते हुए कहा था कि वह घर-घर जाकर यह जानने का प्रयास करेंगे कि बिहार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं।
पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत किशोर रविवार को कल्याण बिगहा पहुंचने वाले थे। लेकिन गांव से कुछ दूरी पर ही उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस द्वारा रोक दिया गया। प्रशांत किशोर ने बताया कि गांव तक पहुंचने से पहले कहीं भी किसी ने नहीं रोका। मुख्यमंत्री के गांव में प्रवेश से पहले ही रोक दिया गया। पीके ने कहा कि मुख्यमंत्री को डर है कि विकास योजनाओं की पोल न खुल जाए। इसी कारण उनके कल्याण बिगहा जाने पर रोक लगाई गई। एसडीओ ने बताया कि जन सुराज को श्रमकल्याण केंद्र के मैदान में कार्यक्रम करने की अनुमति दी गई थी। कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की मंशा से पार्टी के संस्थापक व कार्यकर्ता कल्याणबिगहा जा रहे थे। अनुमति नहीं रहने पर रोका गया।