न्यूज नालंदा – सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसला पर आईिडया संस्था के लोगों ने जतायी खुशी ….
राज – 9334160742
बाल विवाह व बाल श्रम समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है। बच्चे देश के भविष्य हैं। उनक बचपन किसी भी किमत पर बर्बाद नहीं होना चाहिए। इसके लिए सरकारी व गैरसरकारी स्तर पर कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही है। बावजूद कुछ लोग निजी स्वार्थ के चलते बाल श्रम करवाने से बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं माता पिता व अभिभावक भी बच्चों की छोटी उम्र में ही शादी कर देते हैं। उनके बचपन को खिलने में समाज के लोग सहयोग करें। ऐसे लोगों को समझाएं। तभी हमारा समाज आगे बढ़ेगा।
धनेश्वर घाट में शनिवार को बाल विवाह व बाल श्रम को लेकर प्रेस वार्ता में इंस्टिच्यूट फॉर डेवलपमेंट एजुकेशन एंड एक्शन (आईिडया) की निदेशक रागिनी कुमारी ने कहा कि भारत को 2030 तक इन बुराइयों से पूरी तरह से निजात मिल जाएगा। उन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसला पर खुशी जतायी। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसला ‘बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का हनन’ को समाज के हित में बताया।
उन्होंने कहा इस क्षेत्र में संस्था दो साल से काम कर रहा है। अब तक नालंदा जिला में बाल तस्करी से 144 बच्चों को तो 43बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। वहीं 185 बाल विवाह को रोकवाया है। उन्होंने लोगों से लड़कियों की 18 साल के बाद तो लड़कों की 21 साल के बाद शादी करने की अपील की है। ताकि एक स्वस्थ, शिक्षित और समृद्ध समाज का निर्माण हो सके। मौके पर जिला समन्वयक मंटु कुमार, उज्ज्वल कुमार, अश्विनी कुमार, कृष्ण मुरारी, गुड्डी कुमारी, गंगोत्री कुमारी, विनोद पांडेय व अन्य मौजूद थे।