न्यूज नालंदा – शब-ए-बारात 9 को घरों में करें इबादत – पीर साहब
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जिलेभर में शब-ए-बारात की तैयारी शुरू हो गई है।। 9 अप्रैल को त्योहार मनाया जाएगा। लेकिन इस बार कोरोना वायरस को लेकर पिछले वर्षों की तरह ना तो मस्जिद व मज़ारों पर लोगों की भीड़ उमड़ेगी और ही पटाखे फूटेंगे। केवल घरों में रहकर इबादतें की जाएंगी। जिलेभर के उल्मा ए दीन ने लॉक डाउन के पालन की अपील की है। कहा कि लोग मौके की नजाकत को समझें और एहतियात बरतें। बड़ी दरगाह के गद्दीनशी पीर साहब ने बताया कि शब-ए -बारात की सभी इबादतें नफिल हैं। इसको घरों में रहकर किया जा सकता है। घरों में रहकर अल्लाह तआला को राज़ी करने की कोशिश करें। रातभर अज़कारो अफ़कार, नमाज़, तस्वीह व दूसरे दिन रोजा का एहतमाम करें। पटाखों से अपने आपको दूर रखें। इधर डीएम योगेंद्र सिंह ने कहा है कि जिलेभर में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन किया जाएगा। इस दौरान सभी थानाध्यक्ष व अन्य सम्बंधित अधिकारियों को इसे लागू कराने का आदेश दिया गया है। लॉक डाउन के दरमियान किसी भी धार्मिक भीड़ वाले कार्यक्रम पर रोक रहेगी। जिस प्रकार रामनवमी का त्योहार लोगों ने घरों में रहकर मनाया है। उसी प्रकार शब ए बारात भी घरों में रहकर मनाएं। भीड़ भाड़ से बचें। डीएम ने बताया कि सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि शब-ए-बराअत के दौरान कहीं भी भीड़ न लगने पाए। किसी जगह भी आने-जाने की किसी को अनुमति नहीं होगी। सभी लोग लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करेंगे।
इबादतों की है रात –
शबे बारात में हजरत मोहम्मद साहब ने रात में जागकर इबादतें की थी। अपने बुजुर्गों की बख्शीश के लिए अल्लाह ताला से दुआएं भी की थी। उसके बाद से मुसलमान रात भर जागकर अल्लाह तआला की इबादत करते और अपने बुजुर्गों की कब्रों पर जाकर फतेहाख्वानी करते हैं। कहा जाता है कि उस रात अल्लाह ताला अपने गुनाहगार बंदों की बक्शीश करते हैं और उन्हें जन्नत में दाखिल करते हैं | इस कारण लोग उस दिन खासतौर से अपने बुजुर्गों की कब्रों पर जाकर फातिहा पढ़ते और अल्लाह ताला से उनके मगफिरत की दुआएं करते हैं |