न्यूज नालंदा – अवैध क्लिनिक को किया गया सील…..
सूरज की रिपोर्ट – 7903735887
बिहारशरीफ प्रखंड के साठोपुर स्थिति अवैध रूप से संचालित मोना हॉस्पीटल को सील कर दिया गया। डीएम के निर्देश पर की गई कार्रवाई के बाद अवैध क्लिनिक संचालकों में हड़कंप मचा है। हलांकि सील करने के दौरान हॉस्पीटल में कुछ कर्मी मैजुद थे लेकिन संचालिका गायब थी। बिना रिजस्ट्रेशन के अवैध रूप से संचालित इस हॉस्पीटल के बारे में डीएम को लगातार शिकायत मिल रही थी। इस आलोक में डीएम योगेन्द्र सिंह ने सीएस को जांच करने का निर्देश दिया था। जांच के दौरान पाई गई गड़बड़ियो के बारे में डीएम को जानकारी दी गई थी। इसके बाद 29 सितम्बर को डीएम के आदेश पर सीओ अरूण कुमार सिंह ने दीपनगर पुलिस के सहयोग से मोना हाॅस्पीटल को सील कर दिया गया है। सीओ ने बताया कि सील करने के क्रम में हॉस्पीटल में एक भी मरीज नहीं था लेकिन श्रेया हाॅस्पीटल का पर्चा मिला है। संभावना है कि इस नाम का कहीं और भी अवैध तरीके से क्लिनिक संचालित हो रहा है। इसकी भी जांच के लिए डीएम को सूचित किया जाएगा।
एक माह बाद हुई कार्रवाई-
अवैध रूप से संचालित मोना हॉस्पीटल पर कार्रवाई करने में जिला प्रशासन को एक माह लग गया। बता दें कि साठोपुर स्थिति मोना हॉस्पीटल के बारे में शिकायत मिलने पर डीएम ने सीएस को जांच करने का आदेश दिया था। आदेश मिलने के बाद 21 अगस्त को सीएस डॉ. राम सिंह ने छापेमारी की। इस दौरान कई तरह के लापरवाही देखने को मिली। बिना चिकित्सक ही नर्स के द्वारा महिला का ऑपरेशन किया जा रहा था। ओटी में भी किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं थी। नवजात को शिशु विशेषज्ञ के बजाय काॅम्पाउंडर देख रहे थे। वर्तमान स्थिति देखकर पता चल रहा था कि यहां मरीजों के जाने के खथ खिलबाड़ किया जा रहा था। बिना सरकारी मापदंड़ों को पूरा किये चल रहे इन नर्सिंग होम को लेकर सिविल सर्जन के द्वारा एक माह पूर्व ही डीएम को जांच रिपोर्ट सौंपा गया था। इसके बाद मंगलवार को डीएम ने मोना हॉस्पीटल को भी सील करने का आदेश दिया। सबाल यह उठता है कि मरीजों की जान को दाव पर रखकर बिना चिकित्सक के ऑपरेशन किए वाले ऐसे अवैध हाॅस्पीटल पर कार्रवाई करने में एक माह क्यों लग गया?
संचालिका अभी भी कार्रवाई से दुर-
हॉस्पीटल सील होने बाद अभी भी संचालिका कार्रवाई से दुर है। अभी तक संचालिका पर प्राथमिकी दर्ज भी नहीं किया गया है। सुत्रों के मुताबकि सीएस द्वारा जांच करने के समय ही दुसरे जगह पर क्लिनिक को शिफ्ट कर दी है। मरीज को लाने के लिए सिर्फ नाम के साठोपुर में क्लिनिक खुला हुआ है। संभावना है कि नया हाॅस्पीटल बड़ी पहाड़ी में ही संचालित कर रही है।