न्यूज नालंदा – कैदी की मौत के बाद बवाल मामले में 63 उपद्रवियों पर एफआईआर दर्ज, जानें मामला …
राज – 7903735887
बिहारशरीफ मंडल कारा में बंद विचाराधीन कैदी की मौत शुक्रवार को हो गयी। मृतक बिहार थाना क्षेत्र के नईसराय मोहल्ला निवासी छोटे राम का 19 वर्षीय पुत्र राजू कुमार है। बिहार थाना की पुलिस ने 12 मार्च को ब्राउन शुगर के साथ राजू समेत छह युवकों को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद था।
मौत की सूचना मिलते ही दर्जनों लोग शव को अस्पताल मोड़ पर रखकर हंगामा करने लगे। आग जलाकर यातायात बाधित कर दिया। तोड़-फोड़ का भी प्रयास किया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस को खदेड़ दिया। बाद में एसडीओ अभिषेक पलासिया व सदर डीएसपी नुरुल हक के साथ बड़ी संख्या में पुलिस के जवान पहुंचे। डीएसपी ने पिस्टल तानकर हंगामा कर रहे लोगों को हटाया। करीब एक घंटे बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया और यातायात चालू करवाया गया। हंगामा करने व आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में बिहार थाना में दो अलग अलग एफआईआर दर्ज कराया गया है | जिसमें 13 नामजद और 50 अज्ञात को आरोपित बनाया गया है |
परिजनों ने बताया कि पुलिस ने झूठे आरोप में उसे गिरफ्तार किया था। तीन दिनों तक थाने में रखकर उसकी जमकर पिटाई की गयी। इससे उसकी तबियत खराब हो गयी। परिजनों ने पुलिस व जेल प्रशासन से बेहतर इलाज की गुहार लगायी थी। किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी। सुबह में सूचना मिली कि उसकी तबियत खराब है। सूचना पाकर सदर अस्पताल पहुंचे, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
मौत होते ही परिजन व दर्जनों लोग शव को लेकर अस्पताल मोड़ पहुंच गये और सड़क जाम कर दी। कई स्थानों पर टायर जलाये गये। लोगों ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सूचना पाकर पुलिस वहां पहुंची और लोगों को समझाने का प्रयास करने लगी। लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें खदेड़ दिया। पुलिस का कहना है कि लोगों ने पथराव भी किया। लोग पीड़ित परिवार को मुआवजा देने व दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। बाद में एसडीओ व डीएसपी ने जाम हटवाया और शव को सदर अस्पताल भेजा गया।
जेल अधीक्षक का कहना है कि सुबह उसे खून की उल्टी होने लगी। इसके बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। यहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा। एसडीओ ने कहा कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। परिजनों के आरोपों की जांच की जाएगी। दोष सिद्ध होने पर कार्रवाई की जाएगी।