न्यूज नालंदा – चिंतनीय -बच्चों में बढ़ रहा है ई-सिगरेट पीने का लत…
राज की रिपोर्ट 9334160742
ई-सिगरेट यानी इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को ड्रग्स मानते हुए केंद्र सरकार द्वारा इसे देशभर में बैन कर दिया गया है। अब किसी भी हिस्से में ई-सिगरेट को बनाना, बेचना, इस्तेमाल करना, स्टोर करना और इनका विज्ञापन तक करना भी अपराध होगा। पहली बार पकड़े जाने पर 1 साल तक की सजा या 1 लाख रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं और दोबारा पकड़े गए तो 3 साल की सजा औऱ 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।बच्चों में ई-सिगरेट के उपयोग से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। चिकित्सकों की माने तो ई-सिगरेट के प्रचलन से बच्चे एवं किशोरों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर होता है |
क्या कहते हैं चिकित्सक –
चिकित्सक डॉ राजेश कुमार ने बताया कि ई-सिगरेट में निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल्स का घोल होता है। यह नशीला पदार्थ है जिसे इस्तेमाल करने से लोगों को इसकी लत लग जाती है। हृदय रोगियों को ई-सिगरेट से दूर रहना चाहिए। यह दिल की धमनियों को कमजोर भी कर देता है। इसकी लत जिसे एक बार लग जाती है वह इसे छोड़ने पर डिप्रेशन की समस्या होने लगती है।
क्या है ई-सिगरेट-
ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाले ऐसी डिवाइस है जिनमें लिक्विड भरा रहता है। यह निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल्स का घोल होता है। जब कोई व्यक्ति ई-सिगरेट का कश खींचता है तो हीटिंग डिवाइस इसे गर्म करके भाप में बदल देती है। इसीलिए इसे स्मोकिंग की जगह वेपिंग कहा जाता है।
दिखावे के लिए पीते हैं ज्यादातर युवा-
सर्वे के मुताबिक ज्यादातर युवा ई-सिगरेट का सेवन दिखावे के लिए करते हैं। कई लोगों को ऐसा लगता है कि ई-सिगरेट के नुकसान कम है इसलिए वे इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भी सेहत के लिए कई तरह से नुकसानदेह है।