न्यूज नालंदा – चिकित्सकों तथा पदाधिकारियों के साथ की वर्चुअल मीटिंग के बाद डीएम ने दिए ये निर्देश ….
राज – 7903735887
कोविड संक्रमण के प्रसार की रोकथाम एवं कोविड केयर हेल्थ सिस्टम के बेहतर प्रबंधन को लेकर जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने विभिन्न संस्थाओं से जुड़े डॉक्टरों, विम्स पावापुरी के प्रिन्सिपल इंचार्ज, उप विकास आयुक्त, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की।
आईएमए के डॉ अजय कुमार सहित अन्य डॉक्टरों ने कोविड हेल्थ केयर के बेहतर प्रबंधन को लेकर बारी बारी से सुझाव दिए।
सभी चिकित्सकों ने सुझाव दिया कि विम्स पावापुरी में वैसे कोविड मरीजो को भर्ती किया जाना चाहिए जिन्हें अस्पताल की अनिवार्य आवश्यकता है। सामान्य लक्षण वाले लोग घर पर भी ठीक हो सकते हैं और हो भी रहे हैं। जिला के अन्य कोविड हेल्थ सेंटर पर भी लोग भर्ती हो सकते हैं। यहाँ भी ऑक्सीजन सुविधा युक्त बेड उपलब्ध हैं। यहाँ से आवश्यक होने पर मरीज को विम्स में शिफ्ट किया जा सकता है। इसके लिए एम्बुलेंस सुविधा को हमेशा तैयार रखना होगा।
जिला में मेडिकल ऑक्सिजन की आपूर्ति को आगे भी निर्बाध रखने का अनुरोध किया गया। इस संबंध में उपविकास आयुक्त एक वरीय पदाधिकारी के रूप में प्रतिदिन स्वयं इसकी मोनिटरिंग कर रहे हैं। नालंदा गैस प्रॉडक्ट के प्लांट पर अलग से दण्डाधिकारी प्रतिनियुक्त किये गए हैं।उप विकास आयुक्त ने बताया कि वर्तमान में जिला में मेडिकल ऑक्सिजन की आपूर्ति में कोई व्यापक कठिनाई नहीं है।बेहतर प्रबंधन से इसे लगातार सामान्य बनाये रखा जा रहा है।
वर्तमान में जिला के दो निजी अस्पतालों- जीवन ज्योति हॉस्पिटल एवं दिव्य ज्योति हॉस्पिटल में कोविड केअर के लिए क्रमशः 18 एवं 11 ऑक्सीजन युक्त बेड कर्णांकित हैं। अन्य निजी अस्पतालों को भी निर्धारित मानक प्रक्रिया के तहत कोविड केअर के लिए अविलम्ब क्रियाशील करने का अनुरोध किया गया।सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का अनुरोध भी किया गया।इस संबंध में आगामी शादी/ ब्याह की तिथियों को देखते हुए गाइडलाइन का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को दिया गया।
विम्स पवापुरी में भी बेड की संख्या एवं अन्य संसाधन बढ़ाने के लिए तेजी से प्रयास किया जा रहा है। विम्स में बेहतर समन्वय एवं प्रबंधन के लिए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को वरीय पदाधिकारी के रूप में प्राधिकृत किया गया है, जो प्रतिदिन वहां जाकर स्थिति की मॉनिटरिंग एवं समीक्षा कर रहे हैं। बैठक में डॉ अजय कुमार, डॉ अरविंद, डॉ अरुण कुमार, डॉ सुजीत, डॉक्टर सुनील, डॉ अमरदीप नारायण, डॉक्टर जवाहर, डॉ मनोज, विम्स पावापुरी के प्रिंसिपल इंचार्ज, उप विकास आयुक्त, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी जुड़े थे।