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धनेश्वर घाट मंदिर परिसर में आठ दिवसीय श्री पितृ मोक्ष भागवत कथा का बुधवार को समापन हुआ। इसें भगवान श्रीराधा कृष्ण की झांकी देख भक्त अभिभूत हुए। यह कार्यक्रम 18 से 25 सितंबर तक चला। बुधवार को फूलों की होली के साथ इसका समापन हुआ।
श्रीधाम वृंदावन से आए प्रमुख कथा वाचक माधव जी महाराज ने संगीतमय कथा सुनाकर भक्तों को जीवन का मर्म बताया। कहा कि अपने पूर्वजों की शांति के लिए लोग पिंडदान, तर्पण आदि कर्मकांड करते हैं। परंतु उनकी सार्वभौम शांति के लिए श्री भागवत कथा का वाचन और श्रवण ही सर्वोपरि है। आयोजक डॉ. रंजन आशुतोष शरण ने बताया कि पितृ पक्ष में हमारे पितर यानि पूर्वज इस धरती पर पधारते हैं तथा अपने परिवारों का कल्याण करते हैं। इस पितृ पक्ष में भागवत कथा के वाचन एवं श्रवण से हमारे पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तीन साल से यहां इसका आयोजन किया जा रहा है।
भक्तों ने मंगलवार की रात श्री कृष्ण विवाह प्रसंग में रुक्मणी और श्री कृष्ण की झांकी देखी। विधायक डॉ. सुनील कुमार भी इसमें शरीक हुए। इसमें हजारों भक्तों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन में यज्ञशाला कमिटी के माधवेंद्र कुमार, अरविंद कुमार, अनंत कुमार, कौशलेंद्र, कृष्णा, उदय, मयंक कुमार, मुन्ना, शैलेंद्र व अन्य कार्यकर्ताओं ने काफी सहयोग किया।