न्यूज नालंदा – माता फुलेश्वरी देवी की पुण्यतिथि पर गरीबों के बीच वस्त्र का किया गया वितरण
राज – 9334160742
सोहसराय के बबुरबन्ना मोहल्ला में बिहारी निवास स्थित सभागार में शंखनाद साहित्यिक मंडली के तत्वावधान में 10 सितम्बर दिन मंगलवार को देरशाम शंखनाद के अध्यक्ष साहित्यकार प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह की अध्यक्षता में शंखनाद साहित्यिक मंडली के महासचिव की पत्नी सविता बिहारी के सौजन्य से अपनी सास फुलेश्वरी देवी की 16 वीं पुण्यतिथि पर बृद्ध महिलाओं, समाजसेवियों एवं अभावग्रस्त लोगों के बीच वस्त्र वितरण कर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसका संचालन शंखनाद के मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण ने किया।
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं माता फुलेश्वरी देवी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।
मौके पर शंखनाद के महासचिव साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि जरूरतमंदों की सेवा ही सच्ची सेवा है। माँ हमेशा सामाजिक व धार्मिक कार्यो में बढ़चढ़ कर भाग लिया करती थी। ऐसे में उनकी पुण्यतिथि पर लोगों को कुछ मदद किए जाने से आत्म संतुष्टि मिलेगी।
स्मृति समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षाविद् रामाश्रय शर्मा ने पुण्यात्मा फुलेश्वरी देवी के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि माता ही प्राथमिक शिक्षिका होती हैं, उसके शिवा प्यार-दुलार देने वाला इस दुनिया मे कोई नही हैं। माता से ही हमारी दुनिया है। माता के बिना दुनिया अधूरी है। धन्य हैं वे पुत्र जिनकी माता आज उनके साथ हैं। हम सभी व्यक्तियों का कर्तव्य बनता हैं की माता-पिता की सेवा में लगन से करनी चाहिए। माता-पिता के मुख से निकला हुआ आशीर्वाद जन्म जन्मांतर तक साथ देता है। धन्य है वे पुत्र जो माता की पुण्यतिथि में गरीब असहाय लोंगो की मदद करते हैं। इस समय में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने माता-पिता की सेवा न कर वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं। हम लोगो को इनसे सीख लेनी चाहिए।
मौके पर स्मृति समारोह में अध्यक्षता करते हुए शंखनाद के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि जरूरतमंद लोगों की मदद से बढ़कर कोई पुनीत कार्य नहीं है। समाज के लोगों को जरूतरतमंदों की मदद में आगे आना चाहिए। शंखनाद साहित्यिक मंडली के सदस्य हर पल गरीब जरूरतमंद की मदद के लिए नि:स्वार्थ भाव से खड़े रहते हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि हम निरंतर जरूरमंद लोगो की मदद करें। इंसान के मन में समाजसेवा का भाव होना बेहद जरूरी है। माँ की स्मृति में जरुरतमंद महिलाओं को साड़ी देने की यह पहल बहुत ही सराहनीय है।
समारोह में बहुभाषाविद साहित्यकार बेनाम गिलानी ने कहा कि समाज में सक्रीय रहने वाले सभी व्यक्तियों का समाजसेवा करना दायित्व है। मानव के मन में समाजसेवा का भाव होना बेहद जरूरी है। अपने लिए तो हर कोई जीवन व्यतीत करता है, लेकिन दूसरों के लिए भी जीना चाहिए। समाज सेवा का जज्बा यदि इंसान के अंदर हो तब वह किसी भी मुश्किल का सामना कर सेवा कर ही लेता है। हम तन-मन धन सभी तरह से समाज की सेवा कर सकते हैं।
मौके पर समाजसेविका सविता बिहारी ने कहा- मैं अपनी सास फुलेश्वरी देवी की पुण्य स्मृति को यादगार बनाने का काम कर रही हूँ। हर साल अपनी सास की स्मृति में जरूरमंद लोगों की बीच साड़ी और अंगवस्त्र का वितरण करते हैं। उन्होंने कहा कि मानवता ही सबसे बड़ी सेवा है। वह सभी की सेवा के लिये सदैव तत्पर रहती थी। हर सामर्थ्य वान लेगों को इस दिशा में आगे आने की जरूरत है। यदि अन्य लोग मानवता की सेवा के लिए आगे आए तो असहाय और जरूरतमंद लोगों का दुख कम होगा। उन्होंने कहा- असहायों की सेवा से मन और आत्मा को शांति मिलती है।
शिक्षाविद् राजहंश कुमार ने कहा कि माता फुलेश्वरी देवी धर्मपरायण महिला थी। उनमें समाज सेवा की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।
इस अवसर पर सुरेश प्रसाद, अरुण बिहारी शरण,धीरज कुमार, विजय कुमार पासवान, सुमित बिहारी, पूजा बिहारी, स्वाति कुमारी, मंती देवी, सुजल बिहारी, सुसागर बिहारी, श्यामा देवी, पंचा देवी, कोशिला देवी, मीना देवी, आरती देवी, चंद्रमणि देवी, साबो देवी, सुखिया देवी, सुदामी देवी, मनोरमा देवी, रूबी देवी, कुलवंती देवी, चमेली देवी, कारी देवी, मारो देवी, अनीता देवी समेत सैकड़ो महिला-पुरुष मौजूद थे।