न्यूज नालंदा – जानवर से सस्ती इंसान की जान: साइकिल चोरी के विवाद में बच्चे की हत्या, शव मिलने हंगामा…
प्रशांत – 9334160742
अस्थावां थाना क्षेत्र के पिपरापुर गांव के सामने जिराईन नदी से बुधवार की सुबह बच्चे का शव मिलते ही हंगामा मच गया। मृतक कुलती गांव निवासी पिंटू साव का 12 वर्षीय पुत्र अजीत कुमार है। बच्चे का अपहरण करने के बाद हत्या की गयी और शव को जमीन में दफन कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना देने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
दरअसल, मंगलवार को साइकिल चोरी को लेकर पिपरापुर व कुलती गांवों के लोगों के बीच विवाद हुआ था। इसी विवाद में मंगलवार को ही बच्चे का अपहरण कर लिया गया। बुधवार की सुबह उसकी लाश मिली। आक्रोशित लोगों ने करीब छह घंटे तक शव को उठाने नहीं दिया। मजबूरी में ग्रामीणों के साथ ही थानाध्यक्ष भी घंटों घोबी बिगहा मोड़ से कुलती जाने वाली सड़क पर बैठे रहे। करीब ढाई बजे के बाद ग्रामीण माने तब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
गांव से किया अपहरण:
ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार को साइकिल चोरी की घटना के बाद दोनों गांवों के छात्रों में विवाद हो गया। कुलती गांव के लड़कों ने पिपरापुर गांव के श्रवण यादव की भैंस को पकड़ लिया और गांव ले आये। इसके बाद पिपरापुर गांव के लोगों ने घर के पास खेल रहे अजीत का अपहरण कर लिया। परिवार के लोगों ने अपहरण की शिकायत की पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। शाम को पिपरापुर गांव के बच्चू यादव ने कुलती गांव पहुंचकर भैंस छोड़ने को कहा तो ग्रामीणों ने उसे बंधक बना लिया और कमरे में बंद कर दिया। सूचना पाकर सदर डीएसपी व कई थानों की पुलिस गांव पहुंची। लोगों को मनाकर किसी तरह बंधक को छुड़ाया गया। बच्चे को जल्द बरामद करने का आश्वासन देकर पुलिस लौट गयी। बुधवार की सुबह उसकी लाश मिलते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गये।
वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग:
शव मिलने के बाद ग्रामीण हंगामा करने लगे। कुछ लोगों का कहना था कि नदी के पास झाड़ी में बच्चे के शव को दफन कर दिया गया था। उसके शरीर पर लाठी बांध दी गयी थी। मुंह से खून निकल रहा था। शरीर पर चोट के निशान थे। गर्दन मरोड़कर उसकी हत्या की गयी थी। वहीं, कुछ लोग नदी से शव मिलने का दावा कर रहे थे। कुछ लोगों का कहना है कि दोनों गांव के लोगों के बीच पहले से भी विवाद चल रहा था। शव मिलने की सूचना पर थानाध्यक्ष लालमणि दुबे दल-बल के साथ पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करने लगे। ग्रामीण वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े थे।
सड़क पर बैठ गये ग्रामीण:
ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस ने बच्चे को बरामद करने की कोई कोशिश नहीं की। पुलिस ही हत्या की जिम्मेवार है। इसके बाद ग्रामीण सड़क पर बैठ गये। मजबूरी में पुलिस भी ग्रामीणों के साथ सड़क पर बैठ गयी। बीडीओ सीमा कुमारी ने मृतक के परिजनों को 20 हजार रुपये का चेक दिया। मुखिया शांति देवी ने भी आर्थिक मदद की। सीओ रवीन्द्र कुमार चौपाल, सारे थानाध्यक्ष धर्मेश कुमार गुप्ता आदि ने ग्रामीणों को समझाकर करीब ढाई बजे शव उठाने में सफलता हासिल की। थानाध्यक्ष ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद लाश परिजनों को सौंपी गयी है। मामले की जांच चल रही है।