November 15, 2024

न्यूज नालंदा – संतराम बीए की मनायी गयी जयंती….

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राज की रिपोर्ट – 9334160742 

बिहार कुम्हार (प्रजापति) समन्वय समिति के द्वारा जिला कार्यालय बिहारशरीफ स्थित पालिका बाजार में संतराम बीए की 133 वीं जयंती मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता जनार्दन पंडित द्वारा किया गया । इस मौके पर लोगों ने उनेक तस्वीर पर माल्यार्पण करते हुए उनके व्यक्तित्व  कृतित्व पर चर्चा की | इस मौके पर जनार्दन पंडित ने कहा कि संतराम बीए समतामूलक समाज के पक्षधर थे। उनका मानना था कि भारत तभी समृद्ध व शक्तिशाली राष्ट्र बन सकता है जब हर जगह जात-पात, छुआछूत जैसी कुरीतियों के विरोध होगा। उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में उनके बताए रास्ते पर चलकर समाज का कल्याण किया जा सकता है। संतराम बीए जी अपने समय के बहुत चर्चित व्यक्ति थे। उन्होंने करीब एक सौ से अधिक पुस्तक पुस्तक लिखे।

इस अवसर पर साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि पंजाब प्रांत के होशियारपुर जैसे छोटे से गांव में जन्मे महात्मा संतराम बीए जाति-पाति के खिलाफ काफी मुखर रहे और उन्होंने जाति तोड़क मंडल की स्थापना की। उनहोंने कहा कि शैक्षणिक रूप से पिछड़ने के कारण ही हमलोग समाजिक, आर्थिक व राजनैतिक रूप से भी पिछड़ गए। आगे बढ़ने के लिए शिक्षा ही एकमात्र हथियार है। इसके बूते ही अभिवंचित समाज तरक्की कर सकता है। महात्मा संतराम बीए साहब का सपना समाज का प्रत्यके व्यक्ति शिक्षित, प्रशिक्षित हो, समाज संगठित हो। संतराम जी अपने क्रन्तिकारी विचारों, प्रबुद्ध लेखन, आध्यात्मिक दर्शन, एवं सामाजिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं। संतराम जी का मानना था कि कर्म के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी वर्ण को धारित कर सकता था। जैसे शूद्र कुल में पैदा हुए बहुत से शूद्रों- बाल्मीकि, वेदव्यास को ऋषियों मुनियों का दर्जा प्राप्त हुआ था। महात्मा संतराम जी का विशेष बल अंतर्जातीय विवाह और जन मानस के विचारों में परिवर्तन लाकर जाति प्रथा को समाप्त करने का था। उन्होंने स्वयं अपनी पुत्री का विवाह अंतर्जातीय किया था। उनके द्वारा लिखित “हमारा समाज” पुस्तक को प्रत्येक भारतीय को पढ़ना चाहिए। पुस्तक पढ़ने से ज्ञात होगा कि भारत देश में विभिन्न जातियों की उत्पत्ति कैसे हुई तथा कैसे फली-फूली है। हमें अपने महापुरुषों को याद रखते हुए समाज को जोड़ने का निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। साहित्यकार डाक्टर लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि युग दृष्टा, महान समाज सुधारक, लेखक, क्रांतिकारी, एवं जात-पात तोड़क मंडल के संचालक पूज्य संत राम बी०ए० की जयंती पुरे देश में मनाई जाती है। संत जी ने समाज को एक दिशा दी है। संतराम के पदाचिंहों पर चलकर ही समाज का उत्थान हो सकता है। संतराम बीए द्वारा आजीवन की गई देश की सेवा और समाज सेवा को सदैव अनुशरण करना चाहिए। हमें जाति-पाति के दायरे से निकलना चाहिए। अस्पृश्यता हिंदू समाज का ही नहीं राष्ट्र का कलंक है तथा जितना जल्दी हो सके जाति व्यवस्था को समूह समाप्त कर देना चाहिए। समाज में स्त्रियों को पुरुषों के बराबर अधिकार मिलना चाहिए इसके लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए।  इस अवसर पर मंगल पंडित, रेखा देवी, डॉ० महेंद्र पंडित, रणधीर कुमार, यदुनंदन पंडित, रामविलास पंडित, रामाश्रे पंडित, सुनील पंडित, रामजी पंडित, सुबोध पंडित, महेश पंडित आदि लोगों ने भी संबोधित किया और संतराम बीए के जीवनी पर प्रकाश डाला।

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