न्यूज नालंदा- ईंट भट्ठे और कूड़े में जिंदगी तलाश रहे शहरी क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए चलेगी मुहिम
राज की रिपोर्ट ( 9334160742 )
शहरी क्षेत्र के ईंट भट्ठे और कुड़े में जिंदगी तलाश रहे या फिर अनाथ व शिक्षा से वंचित गरीब, लाचार परिवार के बच्चे भी शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ेगे, इसके लिए विभाग तैयारी में जुटा है। इसके अलावा ईंट भट्ठो आदि पर कार्य करने वाले पलायित परिवार के 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को भी प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने के दिशा में विभाग तैयारी में जुटा है। वर्तमान में 6 -14 आयु वर्ग के 2737 बच्चे विद्यालय से बाहर हैं। केयर इंडिया की शहनाज़ ने बताया कि शिक्षा से वंचित गरीब, लाचार परिवार के बच्चे भी शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ेगे, इसके लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करना होगा। संभाग प्रभारी एपीओ संजय कुमार ने बताया कि विशेष प्रशिक्षण केंद्र (गैरआवासीय) पर नामांकित प्रत्येक बच्चों के प्रतिदिन की उपलब्धि का लेखा-जोखा नामित शिक्षकों द्वारा किया जाएगा। यह प्रगति विषय एवं पाठ आधारित होगा। उन्होने बताया कि पाठ में दिए गए अभ्यास एवं कार्यपुस्तिका के आधार पर बच्चे के प्रगति का संधारण किया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि 6 से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चे जब तक विद्यालय से नहीं जुड़ते, तब तक राज्य को प्रगति के रास्ते पर ले जाना मुश्किल है। अभिवंचित वर्ग के जो बच्चे विद्यालय से जुड़े भी है उन्हें शिक्षा देना आज भी बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने सभी नामित शिक्षकों को कहा कि इसे एक मिशन के रूप में लें और बढ़ चढ़कर भागीदारी सुनिश्चित करें।
शहरी क्षेत्र के विद्यालय से बाहर बच्चे
कुड़ा चुनने वाले बच्चे,भीख मांगने वाले बच्चे,अनाथ बच्चे,घरों व होटलों में काम करने वाले बच्चे,ईंट-भट्ठों व स्टोन क्रसरों पर काम करने वाले बच्चे,गलियों में यत्र-तत्र घूमने वाले बच्चे,देह व्यापार में लगे परिवार के बच्चे,चाय पकौड़ी की दुकान,टायर का पंचर बनानेवाले दुकान पर काम करने वाले बच्चे,रेलवे प्लेटफॉर्म,बस पड़ाव पर रहने वाले बच्चे,कल कारखाने,कुटीर उद्योग में काम करने वाले बाल श्रमिक बच्चे व सुधार गृहों में सहने वाले बच्चे शामिल है।
ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय से बाहर के बच्चे
खेतों में काम करने वाले बच्चे,घरेलू कार्य करने वाले बच्चे,माता-पिता के काम पर चले जाने पर अपने से छोटे भाई-बहन को संभालने वाले बच्चे,गाय,भैंस,भेड़,बकरी,सुअर चराने वाले बच्चे,प्रथम पीढ़ी के बच्चे,घुमन्तू परिवार के बच्चे,अनाथ बच्चे,विशेष आवश्यकता वाले बच्चे व ईंट भट्ठे व स्टोन क्रसरों पर काम करने वाले बच्चे को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा।