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न्यूज नालंदा – माता तेरे रूप अनेक : पट खुलते ही पंडालों में उमड़ी आस्था की भीड़

ByReporter Pranay Raj

Sep 29, 2025

राज – 9334160742 

नवरात्र की सप्तमी तिथि पर जैसे ही मां शेरावाली के पट खोले गए, पूरा शहर श्रद्धा और भक्ति की लहर में डूब गया। अहले सुबह से ही मंदिरों और पूजा पंडालों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें उमड़ पड़ीं। जैसे ही मां की प्रतिमा के प्रथम दर्शन हुए, पूरा वातावरण “जय माता दी” और “जय मां भवानी” के गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने थालियों में दीप, नारियल, चुनरी और प्रसाद सजाकर देवी को अर्पित किया।

मंदिरों में सुबह की आरती का नज़ारा अद्भुत और आत्मिक रहा। ढोल-नगाड़ों और शंख की ध्वनि से वातावरण पवित्र हो उठा। हर ओर भक्ति और विश्वास का ऐसा ज्वार उमड़ा कि मानो मां स्वयं भक्तों के बीच विराजमान हों।

जगमग रोशनी और अद्भुत पंडालों से निखरा शहर

इस बार पूजा पंडालों की सजावट देखते ही बन रही है। कहीं पंडाल को कैलाश पर्वत का रूप दिया गया है, तो कहीं हवा महल की भव्य झलक देखने को मिल रही है। सतरंगी लाइटों और दूधिया रॉलेक्स की जगमगाहट ने शहर की गलियों और चौक-चौराहों को स्वर्गिक आभा से भर दिया है।

शाम ढलते ही जब महाआरती का आयोजन हुआ, तब पूरा माहौल दिव्य प्रकाश से आलोकित हो गया। दीपों की लौ, घंटियों की झंकार और भक्तों की आंखों में छलकता विश्वास उस क्षण को अविस्मरणीय बना रहा। अम्बेर, भैंसासुर, पुलपर, स्टेशन रोड, रांची रोड जैसे क्षेत्रों में लोगों का उत्साह चरम पर रहा।

दशहरा मेले ने बढ़ाई रौनक, बच्चों ने झूलों में पाई खुशियां

दशहरा मेले के कारण शहर की चहल-पहल और भी बढ़ गई है। बाजार में श्रृंगार, खिलौने, मिठाइयां और झूले बच्चों व बड़ों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। छपरा और आस-पास के जिलों से आए व्यापारी अपनी दुकानों से मेले की रौनक दोगुनी कर रहे हैं।

बच्चे तरह-तरह के झूलों, कार राइड, ड्रैगन ट्रेन और खिलौनों में मस्ती कर रहे हैं। वहीं महिलाएं श्रृंगार और पूजा-सामग्री की खरीदारी में जुटी हुई हैं। परिवारों के साथ घूमते लोग मिठाइयों और पकवानों का स्वाद लेकर त्योहार का आनंद उठा रहे हैं।

हर ओर भक्ति और उल्लास की लहर

मां के पट खुलते ही पूरे शहर में आस्था, रंग और रोशनी का ऐसा संगम देखने को मिला कि हर गली और हर चौक-चौराहा “जय मां भवानी” के उद्घोष से गूंज उठा। पंडालों की रौनक, भक्तों की भीड़, मेले की चहल-पहल और रोशनी की जगमगाहट ने नवरात्र को एक जीवंत उत्सव बना दिया है।