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श्रावण मास की पहली सोमवारी को जिले के शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। शिवालयों में सुबह से श्रद्धालु जल लेकर ‘बम-बम भोले’ के जयघोष के साथ बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचने लगे।
शहर के बाबा धनेश्वर धाम, हिरणेश्वर धाम, जंगलिया बाबा मंदिर, नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, राजगीर के वैभार गिरि पर्वत पर स्थित प्राचीन बाबा सिद्धनाथ मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें सुबह से ही लगी रहीं। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्गों शिवभक्ति का अद्भुत उत्साह दिखा।
पुजारी ने बताया कि भक्तों ने पूजा में बिल्वपत्र (बेलपत्र), धतूरा, भांग, शिवलिंगी फूल, सफेद आंकड़ा, गंगाजल, नीलकंठ फूल, शहद, दूध, दही, घी, गुड़, और सिंदूर से विधि पूर्व पूजन सामग्री चढ़ाई। कई जगहों पर भक्तों ने 108 बेलपत्र चढ़ाकर विशेष रुद्राभिषेक कराया।
श्रावण मास में सोमवार को विधिवत पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विवाह बाधा दूर होती है, नौकरी-व्यापार में सफलता मिलती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है। महिलाएं पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना करती हैं।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सावन में सोमवार व्रत रखने वाले को पापों से मुक्ति, मोक्ष और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पूरे महीने में शिव पुराण, रुद्राष्टाध्यायी और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करने से विशेष फल मिलता है। सुरक्षा के मद्देनज़र जिला प्रशासन ने शिवालयों के आसपास पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की थी।

