न्यूज नालंदा – बिहार के 75 हजार स्कूलों में इस कारण लटक सकता है ताला…
राज की रिपोर्ट ( 9334160742 ) – सरकार पर दोरंगी नीति, शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति तथा शोषण का आरोप लगाते हुए शनिवार को परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की जिला इकाई के बैनर तले 15 सूत्री मांगों को ले अस्पताल चौक पर एकदिवसीय धरना दिया गया ।
नियमित शिक्षकों की तरह पूर्ण वेतनमान, पुरानी सेवा शर्त में समायोजित करते हुए राज्य कर्मी का दर्जा सहित 15 सूत्री मांगों को लेकर बिहारशरीफ के अस्पताल चौराहा के पास नियोजित शिक्षकों ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। धरना के बाद शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिलाधिकारी श्री योगेंद्र सिंह को सौंपा। धरना की अध्यक्षता करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार ने कहा कि राष्ट्र की मुख्यधारा में शिक्षा प्रदान करने और शिक्षा के अधिकार अधिनियम को सफलीभूत करने वाले सूबे के लाखों नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार चाहे तो नियोजित शिक्षकों को समान काम का समान वेतन दे सकती है। लेकिन सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार कर रही है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों को अपना हक पाने के लिए एकजुटता के साथ सरकार से आर-पार की लड़ाई करो या मरो की तर्ज पर लड़ना होगा। नहीं तो 17 फरवरी से सूबे के लाखों शिक्षक 75 हजार विद्यालयों में ताला लगाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है। जिसे हम सभी शिक्षक एकता के साथ लड़ेंगे।